बिजली, डीज़ल इत्यादि के उपभोक्ताओं हेतु खुश खबरी
१. भारत सरकार के उर्जा मंत्रालय का उद्देश्य २०१२ तक दस हजार mega वाट बिजली की बचत करना है. ऐसा वर्तमान में दस करोड़ उपभोक्ताओं द्वारा मितव्ययता और बिजली की बचत करवाने वाले उपकरण लगवा लेने पर ही संभव हो पाएगा. दस करोड़ उपभोक्ताओं तक अपनी सेवाएं पहुँचाने हेतु एक से दस लाख तक कर्मियों की आवश्यकता है.
२. एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक, यु. एन. ऍफ़., यूनेस्को और एन. पी. ओज. बिजली, डीज़ल इत्यादी उर्जा की खपत में मितव्ययता और बचत हेतु आवश्यक उपकरण के खरीदी हेतु एक्सेस फौन्देशन को धन उपलब्ध करा देते हैं. अतः उपभोक्ता का किसी भी तरह का कोई भी इन्वेस्टमेंट नहीं होता है.
३. अतः व्यवसायिक और घरेलु उपभोक्ताओं को जीरो इन्वेस्टमेंट प्लान के तहत कम उर्जा की खपत में सहायक विदेशी उपकरण एक तरह से निःशुल्क दिया जाता है. इसके लिए उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार का कोई भी बंधन महसूस नही होता है. किसी सिक्योरिटी या गेरेंटी भी नही देने के कारन उपभोक्ता अपने आप को रिस्क फ्री पाते हैं.
४. क्योटो प्रोटोकॉल के तहत जलवायु परिवर्तन पर यूनैतेद नेशंस कार्बन क्रेडिट भी उपलब्ध करता है. इंडस्ट्री, फेक्टरी, कंपनी, आफिस, ट्रांसपोर्टर, वाहन तथा अन्य घरेलु उपभोक्ता बिना अपने इन्वेस्टमेंट के उर्जा की बचत करने वाले विदेशी उपकरण तो प्राप्त करेंगे ही साथ ही उन्हें कार्बन क्रेडिट बोनस भी मिलता है. कम गैस और कम उर्जा की खपत हेतु ये बोनस यूरोप द्वारा एक्सेस फौन्डेसन के मार्फ़त दिया जाता है.
५. आवश्यक इंस्टालेशन और मेंटिनेंस अब छत्तीसगढ़ राज्य में भी एक्सेस फौन्डेसन द्वारा अपने ट्रेंड इंजीनियर, मैनेजर और आफिसरों द्वारा तमिलनाडु के तर्ज पर ही किया जायेगा. अतः उपभोक्ताओं को बिना किसी इन्वेस्टमेंट या रिस्क के बिजली, डीज़ल इत्यादि उर्जा के बचत के साथ ही बोनस कमाना भी अब संभव हो पायेगा.
६. प्रदत्त एनर्जी सेविंग उपकरणों के प्रयोग से पवार फेक्टर भी मेंटेन रहता है, अतः मोटर, इंजिन, मशीन इत्यादी की उम्र भी बढ़ जाती है.
७. बिजली, डीज़ल इत्यादि के खपत में ३० % तक की कमी आती है. वहीँ उत्सर्जन में ८० % तक की कमी आती है फलस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग भी कम होता है.
८. एक्सेस फौन्देसन द्वारा सर्वे उपरांत तमिलनाडु राज्य सरकार को प्रेषित रिपोर्ट में २ हजार मेगा वाट बिजली और ९ करोड़ रुपये के डीज़ल अदि इंधन का प्रतिदिन फालतू दुरुपयोग बताया गया है. ये दुरुपयोग और उसे दूर करने का ऐसा ही प्रयास छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में भी अपेक्छित है.
९. इससे व्यक्तिगत लाभ के साथ ही उपभोक्ताओं को प्रदेश, देश और दुनिया में सकारात्मक सहयोग करने का सतोष भी प्राप्त होता है.
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